अतेक सहेज क रखने छलऊँ, बचपन स जिंदगानी यो |
आब बुझाई अछि बीती जायेत, प्रभुजी
हमर जवानी यो |
अतेक सहेज क...................
धन दौलत स निर्धन अछि, निर्धनता
बनल कहानी यो |
आब बुझाई अछि बीती जायेत, प्रभुजी
हमर जवानी यो |
अतेक सहेज क...................
माताजी बड़ चिन्तित छथि, बाबूजी
मजबूरि भेलनि |
भाईजी के सिर पर बैसल, दुनिया के
दस्तूर भेलनि |
सबहक इहे समस्या अछि, कन्या भेलनि
सयानी यो |
आब बुझाई अछि बीती जायेत, प्रभुजी
हमर जवानी यो |
अतेक सहेज क...................
करब कोना विवाह कन्या के, निर्धन
छथि जे बाबूजी |
घर पर खर नई छईन जिनको, माँग हुनक
बेकाबू जी |
किछु पढ़ल छथि बालक तैं, पिता भेलाह
अभिमानी यो |
आब बुझाई अछि बीती जायेत, प्रभुजी
हमर जवानी यो |
अतेक सहेज क...................
Naye kavi ka jawaab nahi.
जवाब देंहटाएंDo leave your comment.