सबहक पिया परदेश गेलईन,हमरे प्रियतम पास छई।दिवस गँवई छथि बैसि क बालम, जियरा हमर उदास छई।सबहक पिया परदेश़....... नमहर छई परिवार तेकर,कनिको नई हुनका चिन्ता छई।आमद के कोनो साधन नई, मुदा खर्चा बढ़ल पचास छई।सबहक पिया परदेश़....... हम लबई छी कोन जतन स,बैसिक खाबि रहल छथि ऊ।कोनो पड़ोसी देता कतेक दिन, लेब के नई जे आस छई।सबहक पिया परदेश़....... नीक-निकुत ला तंग करईत अछि,दस-दस टा खरूआन जे छई।जयता कतऊ जे कमाय- खटाय, घुरि जायत दिन विश्वास छई।सबहक पिया परदेश़....... दूर-दूर, छी-छी होईत अछि,शरम कनिको नई लागई छईन।मुदा लगईन छई नीक ई हुनका, बुद्धि भेल विनाश छई।सबहक पिया परदेश़.......
दिवस गँवई छथि बैसि क बालम,
सबहक पिया परदेश़.......
आमद के कोनो साधन नई,
सबहक पिया परदेश़.......
कोनो पड़ोसी देता कतेक दिन,
सबहक पिया परदेश़.......
जयता कतऊ जे कमाय- खटाय,
सबहक पिया परदेश़.......
मुदा लगईन छई नीक ई हुनका,
सबहक पिया परदेश़.......
Nice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
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