भजन

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कृष्ण तुम्हारे दर पे खड़ा हूँ,
झोली कब मेरी भर दोगे |
झोली कब मेरी भरोगे कन्हैया,
झोली कब मेरी भर दोगे | 
कृष्ण तुम्हारे ................
 
दीन – दुखी के रक्षक तुम हो,
तुम ही जगत के पलक हो |
अब हे जगत के परमपिता,
मनसा पूरी कब कर दोगे | 
कृष्ण तुम्हारे ................
 
तुम हो दाता, हम हैं याचक,
तुम करुणा के सागर हो |
तुममें है यह जगत समाया,
आस को कब संबल दोगे | 
कृष्ण तुम्हारे ................
 
कोई न जाने किसी की चाहत,
तुम हो प्रभु अंतर्यामी |
यह बालक एक चाह लिए,
कब दर्शन का वर दोगे | 
कृष्ण तुम्हारे ................
 
यह जग सारा दास तुम्हारा,
तुम हो प्रभु सबके स्वामी |
उलझी भँवर में जीवन नैया,
मुझको कौन डगर दोगे | 
कृष्ण तुम्हारे ................


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