मैं
हवा हूँ,
मुझे
बहने दो, मुझे मत रोको।
मैं
अपनी मर्जी से बहती हूँ,
अपनी
मर्जी से रूकती भी हूँ।
मैं
लोगो की जीवनदायिनी हूँ ,
मुझे
मत रोको।
मैं
हवा हूँ,
मुझे
बहने दो, मुझे मत रोको।
मैं
चंचला हूँ, मैं चपला हूँ।
मैं
जीवनदायिनी हूँ तो दुखदायिनी भी हूँ।
अतएव
मुझे मत टोको।
मैं
हवा हूँ,
मुझे
बहने दो, मुझे मत रोको।
जिधर
से इच्छा हुई उधर से शुरू किया,
जहाँ
मन किया वहीँ जाकर आराम किया।
गर्मी
के दिन में जलते बदन पर भी,
मरहम
का काम मैं ही करती हूँ।
मुझे
मत कोसो।
मैं
हवा हूँ,
मुझे
बहने दो, मुझे मत रोको।|
हर-हमेशा,
दिन-दोपहर, सुबह-शाम,
मेरे
लिए है बिल्कुल एक ही सामान।
कभी-कभी
इठलाकर, मैं रुक भी जाती हूँ।
तब
भूलकर भी मुझे छेड़ने की,
कोशिश
मत करो।
मैं
हवा हूँ,
मुझे
बहने दो, मुझे मत रोको।
Do leave your comment.