जीने का नाम

 

जीने का नाम

हँस हँसकर जो जी न सके,
खुदके आँसू जो पी न सके।
हर तरफ से जो गुमनाम है,
जीवन तो जीने का नाम है।

व्यर्थ के खेल और कूदों में ,
बचपन जिसका गुजर गया।
हश्र बुरा होता है उसका¸
जिसका सारा उमर गया।
कर्म सदा ही बना रहा,
जिसके के लिए अनजान है।
जीवन तो जीने का नाम है।

स्वार्थ के गहरे कुएँ में,
आकंठ उतर जो जाता है
आसमान से गिरकर वह
सीधा धरती पर आता है
गिरता वह गन्दी नाली में,
जो रहता कूड़ों से जाम है
जीवन तो जीने का नाम है

काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह.
जिसके पल्ले पर जाता है
वह मानव के सत्धर्मो का,
पहले भक्षण कर जाता है
परोपकार ही सब धर्मों से,
बढ़कर उत्तम एक काम है
जीवन तो जीने का नाम है

सुख में याद न रहता कोई,
आते हैं दुःख में याद सभी
गम का झूठा बहाना ले कर¸
पीते हैं क्यों सब जाम तभी 
जाम कोई मरहम तो नहीं,
गम तो खुद में एक जाम है
जीवन तो जीने का नाम है

इस राजनीति के चक्कर में,
निर्दोष हलाक क्यों होता है?
दीन-हीन बेबसों की झोंपड़ी,
जलकर खाक क्यों होता है?
क्यों इसी तरह के तांडव से,
हरदम होता कत्लेआम है?
जीवन तो जीने का नाम है।

मन में उत्साह अदम्य विश्वास,
बाजुओं में अद्भुत ताकत हो
रोके न कभी पथ, बाधा तेरी¸
उसमें भी भला क्या साहस हो
सच्ची लगन यदि हो हममें¸
हर मु श्किल आसान हो
जीवन तो जीने का नाम है।


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