किसी गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम रोहन था। वह पढ़ाई में ठीक था, लेकिन खेलकूद में वह दूसरों से पीछे रह जाता था। गाँव में हर साल दौड़ की प्रतियोगिता होती थी, जिसमें गाँव के सभी बच्चे हिस्सा लिया करते थे। उसका सपना था कि वह दौड़ में जीतकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करे।
लेकिन उसके दोस्त उसे चिढ़ाते थे और कहते,
"तू तो बहुत
धीमा है, तू कभी इस दौड़
में जीत नहीं सकता!" यह सुनकर उसे बहुत बुरा लगता था, परन्तु वह हार मानने के
बजाय हरदम मेहनत करने की कोशिश करता था।
रोहन रोज सुबह जल्दी उठकर दौड़ की प्रैक्टिस करता
था। वह दौड़ने के साथ-साथ अपनी सेहत का भी ध्यान रखने लगा था। कई बार वह थक जाता,
मगर उसकी माँ हमेशा
उसे प्रेरित करतीं थी, "बेटा, मेहनत का फल जरूर मिलता है, आज नहीं तो कल मिलता है। बस दिल
से कोशिश करते रहो, सफलता जरूर मिलेगी।"
दिन बीतते गए, और प्रतियोगिता का दिन भी आ
गया। रोहन के दिल में कहीं न कहीं थोड़ा सा डर था। इसलिए उसने अपने आप से कहा,
"मैंने इतनी
मेहनत की है, अब मुझे अपने
आप पर भरोसा रखना होगा।"
सभी बच्चे रनिंग ट्रैक पर आ चुके थे और सभी दौड़
के लिए तैयार थे। जैसे ही सिटी बजी, सभी बच्चे दौड़ पड़े। शुरू में रोहन पीछे था,
लेकिन उसने
अपना ध्यान नहीं भटकने दिया। वह लगातार दौड़ता रहा, बिना थके, बिना रुके।
जैसे-जैसे दौड़ आगे बढ़ी, रोहन ने अपनी गति बढ़ा दी
और अंत में सभी को पीछे छोड़ते हुए वह सबसे पहले फ़िनिश लाइन पर पहुँच गया। वह जीत
गया था! उसकी आँखों में खुशी के आँसू थे। उसके माता-पिता और सभी गाँव वाले उसकी
तारीफ करने लगे।
रोहन ने उस दिन सीखा कि अगर आप मेहनत और समर्पण
से कुछ करते हैं, तो कोई भी आपको जीतने से रोक नहीं सकता। उसकी जीत सिर्फ एक
दौड़ की नहीं थी, बल्कि खुद पर विश्वास की थी।
सीख:
कभी भी हार मत मानो। अगर आप सच्चे दिल से मेहनत करते
हो, तो एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।
आप मेरी कहानी "समय पर मदद का मूल्य" को पढ़ें और इस बात को समझने का प्रयास करें कि समय पर किसी की मदद कर हम उसकी जान भी बचा सकते हैं.
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